कूनो राष्ट्रीय उद्यान से चीतों को मुकुंदरा राष्ट्रीय उद्यान स्थानांतरण करने पर विचार
कूनो राष्ट्रीय उद्यान से चीतों को मुकुंदरा राष्ट्रीय उद्यान स्थानांतरण करने पर विचार
मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के श्योपुर जिला स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से लाये गए चीतों को अब इसे राजस्थान के मुकुंदरा राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरण करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
वन विभाग के एक आला अधिकारी के अनुसार हाल ही में एक माह के अंतराल में कूनो में दो चीतों की मौत हो चुकी है।

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मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के श्योपुर जिला स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से लाये गए चीतों को अब इसे राजस्थान के मुकुंदरा राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरण करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
वन विभाग के एक आला अधिकारी के अनुसार हाल ही में एक माह के अंतराल में कूनो में दो चीतों की मौत हो चुकी है। ऐसे में कुछ चीतों को दूसरे स्थान पर भेजने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। वन विभाग ने 24 अप्रैल को राष्ट्रीय बाघ संरक्षक प्राधिकरण (एनटीसीए) को एक पत्र लिखकर चीतों के लिये वैकल्पिक स्थान की मांग भी की है।
सूत्रों का कहना हैं कि कूनो के कुछ चीतों को दूसरे स्थानों पर स्थानांतर करने का प्रस्ताव पहले से ही प्रस्तावित था। पिछले माह मार्च में हुई चीता टास्कफोर्स की बैठक में राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स उद्यान ओर गांधी सागर अभ्यारण्य में कुछ चीतों को शिफ्ट करने पर विचार विमर्श हो चुका था। बैठक में सामने आया कि कूनो से कुछ चीतों को तत्काल भी शिफ्ट किया जाए तो मुकुंदरा हिल्स पूरी तरह से तैयार है।
वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका के चीतों के लिये राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स उद्यान के साथ ही मध्यप्रदेश के गांधी सागर अभ्यारण्य को चिन्हित किया गया था। इसमें मुकुंदरा उद्यान प्राथमिकता पर रखा गया था और यहां पर चीतों को बसाने के लिये सभी आवश्यक तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। वहीं गांधी सागर में व्यवस्थाएं जुटाने में करीब एक साल का समय भी लग सकता है। हालांकि कूनो से कितने चीते कब शिफ्ट होंगे ये निर्णय केंद्र सरकार को लेना हैं।
सूत्रों ने कहा कि मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षक प्राधिकरण (एनटीसीए ) को एक पत्र पूर्व में भी लिखा था जिसमे उनके विभाग में चीतों के लिये वैकल्पिक स्थान का आग्रह किया था। कूनो राष्ट्रीय उद्यान के 748 बर्ग किलोमीटर में फैले इस स्थान में अधिकतम 20 से 21 चीतों को रखने की क्षमता है। इस लिहाज से 18 चीतों के लिये अभी पर्याप्त स्थान हैं। ताकि चीता आजाद होकर विचरण कर सके और सुरक्षित रहें
,इसके लिये चीतों की संख्या कम करने की जरूरत है।
सूत्रों के अनुसार चीता पुनर्स्थापना परियोजना के तहत साउथ अफ्रीका और नामीबिया से कुल बीस चीतों को लाकर बसाये जा चुके हैं। इसमे से एक नामीबियाई मादा चीता साशा की 26 मार्च को किडनी की बीमारी और साउथ अफ्रीका के चीते उदय की मौत हो चुकी है। कूनो उद्यान में वर्तमान में 22 चीते, इसमें चार शावक भी शामिल हैं। कूनो में मात्र 20 चीते रखने की क्षमता है।
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स उद्यान 760 वर्ग किलोमीटर फैला हुआ है,इस टाइगर रिजर्व में करीब 417 वर्ग किलोमीटर कोर ओर 342 वर्ग किलोमीटर वफर जोन हैं। और 82 वर्ग किलोमीटर (8.200) हेक्टेयर का एरिया तार फेंसिंग से कवर्ड है जिससे चीतों के बाहर निकलने की आशंका नहीं रहेगी। बताया गया है कि मुकुंदरा हिल्स में चीतों के भोजन के लिये यहाँ चीतल, चिंकारा,सांभर और जंगली सूअर पर्याप्त मात्रा में हैं। गांधी सागर अभ्यारण्य में भी चीतों को रखने के लिये आवश्यक सुविधाओ का विस्तार जारी है,पर इसमें एक साल का समय लग जाएगा।

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